Friday, January 17, 2014

Essay on Republic Day / गणतंत्र दिवस पर निबंध

भारत आज लोकतंत्र की मशाल जलाते हुए दुनिया में आशा-उमंग, शांति के आकर्षण का केंद्र बिंदु बन गया है। हमारे अपने भारत देश में बिना भेदभाव के हर जाति धर्म का व्यक्ति बराबरी के आधार पर मेयर से लेकर प्रथम नागरिक तक बन जाते हैं। 

हम विविध, विभिन्न बोली, भाषा, रंगरूप, रहन-सहन, खाना-पान, जलवायु में होने के बावजूद एकी संस्कृति की माला पिरोये हुए हैं। हमारे लोकतंत्र के प्रहरी अपने इस अवसर सपने को परिपक्वता के साथ मजबूत दीवार एवरेस्ट की चोटी से ऊंचा बना लिया है। कई उतार-चढ़ाव आए, आपातकाल भी देखा लेकिन भारत की सार्वभौमिकता बरकरार है। 

भारतीय संविधान, जिसे देश की सरकार की रूपरेखा का प्रतिनिधित्‍व करने वाले पर्याप्‍त विचार विमर्श के बाद विधान मंडल द्वारा अपनाया गया, तब से 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में भारी उत्‍साह के साथ मनाया जाता है और इसे राष्‍ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है। यह आयोजन हमें देश के सभी शहीदों के नि:स्‍वार्थ बलिदान की याद दिलाता है, जिन्‍होंने आज़ादी के संघर्ष में अपने जीवन बलिदान कर दिए और विदेशी आक्रमणों के विरुद्ध अनेक लड़ाइयाँ जीती।

खुशियों की तमाम बातों के बावजूद आज अहम सवाल हो गया है कि राजनीतिक व्यवस्था समाज को चुस्त, ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, अनुशासित कानून बनाया जाए और प्रत्येक नागरिक चाहे जो कोई हो बेरोजगार या अमीर, सेवादार या किसान सब अपनी प्रत्यक्ष संपत्ति जायदाद का खुलासा करें कि जो भी चल-अचल धन है वही है और अप्रत्यक्ष कहीं भी देश या विदेश में मिलने पर जब्त होगा तो सजा मिलेगी। 

जनतंत्र-गणतंत्र की प्रौढ़ता को हम पार कर रहे हैं लेकिन आम जनता को उसके अधिकार, कर्तव्य, ईमानदारी समझाने में पिछड़े, कमजोर, गैर जिम्मेदार साबित हो रहे हैं। चूंकि स्वयं समझाने वाला प्रत्येक राजनीतिक पार्टियां, नेता स्वयं ही कर्तव्य, ईमानदारी से अछूते, गैर जिम्मेदार हैं। 

इसलिए असमानता की खाई गहराती जा रही है और असमानता, गैरबराबरी बढ़ गई है। जबकि बराबरी के आधार पर ही समाज की उत्पत्ति हुई थी। 1947 में गांधी जी, ने भी बराबरी का बात कही थी लेकिन लोलुप अमानवीयता की हदें पार कर जनतंत्र-गणतंत्र को रौंद रहे हैं।

गणतंत्र दिवस समारोह

 गणतंत्र दिवस समारोह २६ जनवरी को भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय राष्ट्र ध्वज को फहराया जाता हैं और इसके बाद सामूहिक रूप में खड़े होकर राष्ट्रगान गाया जाता है। गणतंत्र दिवस को पूरे देश में विशेष रूप से राजधानी दिल्ली में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है | इस अवसर के महत्व को चिह्नित करने के लिए हर साल एक भव्य परेड इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन (राष्ट्रपति के निवास) तक राजपथ पर राजधानी, नई दिल्ली में आयोजित किया जाता है| इस भव्य परेड में भारतीय सेना के विभिन्न रेजिमेंट, वायुसेना, नौसेना आदि सभी भाग लेते हैं| इस समारोह में भाग लेने के लिए देश के सभी हिस्सों से राष्ट्रीय कडेट कोर व विभिन्न विद्यालयों से बच्चे आते हैं, समारोह में भाग लेना एक सम्मान की बात होती है |परेड प्रारंभ करते हुए प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति (सैनिकों के लिए एक स्मारक) जो राजपथ के एक छोर पर इंडिया गेट पर स्थित है पर पुष्प माला डालते हैं| इसके बाद शहीद सैनिकों की स्मृति में दो मिनट मौन रखा जाता है | यह देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए लड़े युद्ध व स्वतंत्रता आंदोलन में देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों के बलिदान का एक स्मारक है | इसके बाद प्रधानमंत्री, अन्य व्यक्तियों के साथ राजपथ पर स्थित मंच तक आते हैं, राष्ट्रपति बाद में अवसर के मुख्य अतिथि के साथ आते हैं | परेड में विभिन्न राज्यों से चलित शानदार प्रदर्शिनी भी होती है, प्रदर्शिनी में हर राज्य के लोगों की विशेषता, उनके लोक गीत व कला का दृश्यचित्र प्रस्तुत किया जाता है| हर प्रदर्शिनी भारत की विविधता व सांस्कृतिक समृद्धि प्रदर्शित करती है | परेड और जुलूस राष्ट्रीय टेलीविजन पर प्रसारित होता है और देश के हर कोने में करोड़ों दर्शकों के द्वारा देखा जाता है| भारत के राष्ट्रपति व प्रधान मंत्री द्वारा दिया गये भाषण को सुनने के लाखो कि भीड़ लाल किले पर एकत्रित होती है। २०१४ में, भारत के ६४वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर, महाराष्ट्र सरकार के प्रोटोकॉल विभाग ने पहली बार मुंबई के मरीन ड्राईव पर परेड आयोजित की, जैसी हर वर्ष नई दिल्ली में राजपथ में होती है।


भारत में गणतंत्र दिवस भारत का संविधान भारत के शासी दस्तावेज़ के रूप में भारत सरकार अधिनियम (1935) 1950 की जगह 26 जनवरी को बल में आया जिस तारीख को सम्मान.
संविधान 26 नवंबर, 1949 को भारत की संविधान सभा में पारित किया गया था और एक स्वतंत्र गणराज्य बनने की ओर देश के संक्रमण को पूरा करने, एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ 26 जनवरी 1950 को अपनाया गया था |
भारतीय स्वतंत्रता (पूर्ण स्वराज) की घोषणा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा घोषित किया गया था जब यह 1930 में इस दिन था क्योंकि 26 जनवरी को इस उद्देश्य के लिए चयनित तिथि थी |

गणतंत्र दिवस का मुख्य आकर्षण हमारी राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट के सामने , राजपथ पर बाहर ले जाया विशेष गणतंत्र दिवस परेड है . जल्दी पूरे भारत से सुबह लोगों में , इस परेड को देखने के लिए राजपथ पर इकट्ठा करने के लिए शुरू करते हैं. वहाँ नहीं जा सकते हैं लोग, जो टेलीविजन पर इसे देखो. कुछ देशों के विदेश मंत्रियों ने भी इस अवसर पर मुख्य मेहमान के रूप में आमंत्रित किया जाता है . अन्य मंत्रियों और सशस्त्र बलों के प्रमुखों के साथ भारतीय प्रधानमंत्री ने राजपथ पर पहुंचें. भारतीय राष्ट्रपति और विदेशी मुख्य अतिथि राष्ट्रीय ध्वज furls आसमान उच्च के आगमन के साथ .

वीरता पुरस्कार बहादुर सैनिकों , शहीदों , बहादुर नागरिकों और बहादुर बच्चों को वितरित कर रहे हैं . बहादुर बच्चों को इस अवसर पर हाथियों द्वारा लाया जाता है. इस गणतंत्र दिवस परेड सभी भारतीय बलों का झंडा जुलूस के साथ शुरू होता है के बाद . भारतीय राष्ट्रपति सभी भारतीय सशस्त्र बलों की सलामी ले जाता है . देश की सशस्त्र शक्ति इस परेड में दिखाया गया है. भारत और केन्द्र शासित क्षेत्रों के कई राज्यों से झांकी , इस अवसर पर सभी के लिए आकर्षण का केंद्र हैं . राष्ट्रपति भवन और महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों शाम को प्रकाश से सजाया जाता है .



5 comments:

  1. http://hindi-essays.blogspot.in/2014/01/essay-on-republic-day.html

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  2. Thank you friend. you can also check this essay here

    26 January essay in hindi

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  3. Thanks for sharing Republic Day Celebrations information. Republic means the supreme power of the people living in the country and only public has rights to elect their representatives as political leader to lead the country in right direction. 26 january shayari I would like to say thank you to give me such a great opportunity our Republic Day.

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